Sunday, December 9, 2007

Jeetega Gujarat




Jeetega Gujarat ,this is really important time for all the indians to realise that what they want developement or pseudo scularism.I want to call all the Indians to vote for BJP.


BJP supporters group is the biggest political group of india on ORKUT.It means it is having a good hold on educated people.There are some pics whih shows that how BJP is gaining popularity among youths in India.


Narendra modi is the most famous politician of India right now,you can see the images which shows his popularity among educated people .Please vote for Developement vote for Modi ji.


1 comment:

Arvind said...

कांग्रेस की यह दंभ भरी स्वीकारोक्ति शर्मनाक भी है और दु:खद भी कि सोनिया गांधी ने 'मौत के सौदागर' वाली टिप्पणी वस्तुत: गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए ही की थी। ऐसा लगता है कि सोनिया गांधी के भाषण लेखक भी दिशाहीन हो गए हैं और कांग्रेस के रणनीतिकार भी। किसी मुख्यमंत्री को मौत के सौदागर की संज्ञा देना अशोभनीय भी है और असंसदीय भी। यदि गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों के लिए नरेंद्र मोदी मौत के सौदागर हैं तो फिर कांग्रेस को ही बता देना चाहिए कि 1984 के दंगों के लिए उसके तत्कालीन नेतृत्व को किस संज्ञा से नवाजा जाना चाहिए? ध्यान रहे, तब यह टिप्पणी स्वयं तत्कालीन प्रधानमंत्री की ओर से की गई थी कि जब कोई बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती ही है। यह उचित ही है कि सोनिया गांधी की मौत के सौदागर वाली टिप्पणी पर निर्वाचन आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया, लेकिन अब महत्वपूर्ण यह नहीं है कि आयोग उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करेगा, बल्कि यह है कि देश की सबसे पुरानी और व्यापक प्रभाव वाली पार्टी अपने हाथों अपना कितना और पतन करेगी? आखिर कांग्रेस को ऐसे निर्लज्ज व्यवहार की जरूरत क्यों आ पड़ी कि पहले वह सोनिया गांधी की जिस टिप्पणी पर सफाई दे रही थी उसे बाद में सही ठहराने लगी? इससे कांग्रेस को आखिर अपयश के अलावा और क्या हासिल होने वाला है? क्या कांग्रेस को यह लगता है कि इससे वह गुजरात में चुनावी लाभ लेने में समर्थ रहेगी? यदि नरेंद्र मोदी के प्रति सोनिया गांधी की टिप्पणी अशालीन नहीं थी तो कांग्रेस को यह भी बताना चाहिए कि संसदीय भाषा की उसकी परिभाषा क्या है? यह इसलिए, क्योंकि सोनिया गांधी के बयान को सही ठहराते हुए पार्टी के प्रवक्ता यह कह रहे हैं कि उन्होंने जो कुछ कहा है वह थोड़ा है।

क्या कांग्रेस यह चाह रही है कि अब चुनावों में असंसदीय, अनर्गल, आपत्तिाजनक और अशोभनीय भाषा के प्रयोग की खुली छूट दी जाए? यह विचित्र है कि गुजरात और नरेंद्र मोदी का संदर्भ आते ही कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगी दलों को केवल वहां के दंगे ही याद आते हैं। आखिर कांग्रेस को वे अनगिनत दंगे क्यों नहीं याद आते जो केंद्र और राज्यों में उसकी सत्ता के दौरान हुए? सवाल यह भी है कि कांग्रेस यह क्यों भूल जाती है कि गुजरात के दंगों के बाद नरेंद्र मोदी चुनाव जीतने में सफल रहे थे? जहां तक फर्जी मुठभेड़ के मामले में नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़े करने की बात है, हर उस व्यक्ति को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए जो फर्जी मुठभेड़ों की परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से वकालत करता हो, लेकिन क्या कोई यह बताएगा कि सोहराबुद्दीन के मुठभेड़ में मारे जाने की घटना क्या देश की पहली और एकमात्र ऐसी घटना है? क्या देश के अन्य स्थानों में कहीं कोई भी फर्जी मुठभेड़ की घटना नहीं हुई? एक प्रश्न यह भी है कि आखिर ऐसी मुठभेड़ों के लिए किस मुख्यमंत्री को उस तरह से निशाना बनाया गया जैसे कि नरेंद्र मोदी को बनाया जा रहा है? फर्जी मुठभेड़ के प्रकरण में राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने वाले दलों को यह ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे किसी मामले में व्यक्ति या दल विशेष को निशाना बनाकर वे इस गंभीर समस्या के समाधान में सहायता नहीं कर सकते।